सोचा जमाने में बडी लूटपाट मची हुई है
महोब्ब्त कर लेते है यार,प्यार की दौलत को कौन लूट पायेगा।
खबर न थी मुझको तो मेरा यार ही दगा दे जायेगा।

बडा संभाला था अपनी चाहतों को,
छुपाकर रखा था अपनी ख्वाहिशों को,
खबर न थी हमको ये सच बताएं,
भरी महफिल में ही मुझको मेरा यार रुसवा कर जायेगा।

अब तो झोली खाली-खाली सी है अरमानों की,
दुआँओं की आज बहुत जरुरत है मुझको ऐ मेरे मालिक,
खबर क्या थी हमको कि मेरा यार ही मुझको बद्दुआ दे जायेगा।

#सरितासृजना