नव-वर्ष हो नवदीप की तरह

जग-मग,जग-मग  ,झिल-मिल,झिल-मिल

हर एक प्रभात हो संंदीप की तरह

खुशियाँँ बिखरी हो आँँगन-आँँगन

टिमटिमाते तारोंं की तरह

हर्षोल्लास हो जीवन मेंं सभी के

नव-वर्ष हो नव -गीत की तरह।

#सरितासृृजना